आज गाँव टूटोली में नर्सरी प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम के तीसरे दिन का प्रशिक्षण संपन हुआ | आज प्रशिक्षनार्थियों को भूमि उपचार के बारे में विस्तार से बताया | भूमि से कोंन कोन सी समस्या उत्पन्न होती है भूमि में उपस्थित रोगानुओ का उपचार कैसे कैसे करें | भूमि में उपस्थित खरपतवार के बीजों का उपचार कैसे करें | उन्हें ख़त्म करने के लिए क्या करे.| अगले सत्र में बैड बनाने की विधियों के बारे में विस्तार से बताया | बैड की साइज़ क्या होनी चाहिए | भूमिं में पौषक तत्वों का प्रबंधन कैसे करें | भूमि में pH लेवल क्या होना चाहिए व उसे कैसे बराबर अच्छा कैसे बनायें रखें | नर्सरी के लिए ज्यादा कार्बनिक तत्त्व वाली ही जमीन अच्छी क्यों होती है | किसानो को अस्वगंधा नामक औषधीय फसल के बारे में भी बताया गया |
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड ) के आर्थिक सहयोग से नर्सरी मैनेजमेंट पर प्रशिक्षण कार्यक्रम हेनिमैन चेरिटेबल मिशन सोसायटी द्वारा चलाया जा रहा है | नर्सरी मैनेजमेंट पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्श्ये ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है | यह कार्यक्रम नाबार्ड की ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यक्रम योजना के अंतर्गत चलाया जारहा है| अधिक जानकारी के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड ) या हेनिमैन चेरिटेबल मिशन सोसायटी के प्रतिनिधि से सम्पर्क कर सकते है|
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment