आज नर्सरी प्रबंधन प्रशिक्षण के पांचवें दिन किसानो को सूक्ष्म तत्वों के बारे में विस्तार से बताया गया | किसान सूक्ष्म तत्वों का प्रबंधन कसे करें | किसानो को बाते गया की सूक्ष्म तत्वों व बीमारी मैं विभेद कैसे करें | सूक्ष्म तत्वों की कमी से क्या क्या लक्षण पैदा हो जाते है |उन तत्वों की कमी कैसे दूर करें | उनके लिए किस किस तरह का छिडकावा करना चाहिए | सूक्ष्म तत्वों की कमी में जैविक खाद की क्या उपयोगिता है | पोधो की किस किस अवस्था पर इन तत्वों का के क्या प्रभाव होता है | पुरानी व नीचें की पतीयों पर नाइट्रोजन ,फास्फोरस , मेग्नेसियम , पोटेशियम, जिंक की कमी का प्रभाव ज्यादा होता है तथा केल्शियम , बोरों , कोपर, मेगनीज , सल्फर , लोहे का प्रभाव नयी पत्तियों पर होता है | दूसरे सत्र में खरपतवार प्रबंधन के बारे मै विस्तार से बताया गया |
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड ) के आर्थिक सहयोग से नर्सरी मैनेजमेंट पर प्रशिक्षण कार्यक्रम हेनिमैन चेरिटेबल मिशन सोसायटी द्वारा चलाया जा रहा है | नर्सरी मैनेजमेंट पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्श्ये ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है | यह कार्यक्रम नाबार्ड की ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यक्रम योजना के अंतर्गत चलाया जारहा है| अधिक जानकारी के लिए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड ) या हेनिमैन चेरिटेबल मिशन सोसायटी के प्रतिनिधि से सम्पर्क कर सकते है|
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